Ovulation Meaning in Hindi – पीरियड की शुरुआत कब होती है?

by | Apr 2, 2023 | Fertility

ओवुलेशन क्‍या है? (Ovulation Meaning in Hindi)

Ovulation in Hindi

Ovulation in Hindi

ओवुलेशन महिलाओं के मासिक चक्र का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। ओवुलेशन का अर्थ होता है एक या एक से अधिक अंडाणु (एग्ग) का अंडशय (ओवरी) से निकल जाना। इसके दौरान अंडाणु फैलोपियन ट्यूब्स में जाते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान ही गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है।

ओवुलेशन कब होता है? (Beginning of Ovulation in Hindi)

ओवुलेशन की शुरुआत

ओवुलेशन हर महिला के लिए अलग-अलग समय पर होता है। यह महिला के मासिक चक्र की लंबाई पर निर्भर करता है। आम तौर पर, ओवुलेशन 28 दिन के मासिक चक्र के बीच के समय, यानी 14वें दिन पर होता है। लेकिन यह समय हर महिला के लिए विभिन्न हो सकता है।

ओवुलेशन के संकेत

ओवुलेशन के समय, कई महिलाओं को कुछ लक्षण महसूस होते हैं। इन लक्षणों में से कुछ हैं: स्तनों में सूजन, उत्तेजना या संवेदनशीलता, पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द या ऐंठन, और योनि स्राव में बदलाव। यह संकेत ओवुलेशन की शुरुआत की तरफ इशारा करते हैं।

 

ओवुलेशन पीरियड क्या है (Ovulation Period in Hindi)

ओवुलेशन की अवधि

ओवुलेशन की अवधि एक से दो दिन होती है। इस समय के दौरान, एक या एक से अधिक अंडाणु अंडशय से निकल कर फैलोपियन ट्यूब्स में चला जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान ही गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है।

फर्टाइल विंडो

फर्टाइल विंडो वह समय होता है जब महिला गर्भधारण के लिए सबसे अधिक उपयुक्त होती है। इसकी अवधि आमतौर पर 5-6 दिन होती है और यह ओवुलेशन से पहले के कुछ दिनों और ओवुलेशन के दिन तक चलती है।

फर्टाइल विंडो की महत्वपूर्णता

फर्टाइल विंडो का पता होना उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो गर्भधारण करना चाहते हैं।

इस अवधि के दौरान गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण होता है। फर्टाइल विंडो को ध्यान में रखकर, दंपतियों को अपने संबंधों की योजना बना सकते हैं।

 

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण (Symptoms of Ovulation in Hindi)

शारीरिक लक्षण

  1. बदलता हुआ योनि स्राव: ओवुलेशन के दौरान, योनि स्राव में बदलाव होते हैं। इस समय, स्राव सफेद, चिपचिपा, और अंडा की सफेदी जैसा होता है।
  2. उत्तेजना और स्तनों में सूजन: ओवुलेशन के समय, हार्मोन के बदलाव के कारण स्तनों में सूजन, उत्तेजना और संवेदनशीलता हो सकती है।
  3. मिट्टी खाने की इच्छा: कुछ महिलाओं को ओवुलेशन के दौरान मिट्टी खाने की इच्छा हो सकती है। यह एक आम लक्षण हो सकता है।
  4. पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द: ओवुलेशन के समय, अँडाशय से अंडा निकलने के कारण पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द हो सकता है। यह मिट्टीमेह के दर्द के रूप में महसूस हो सकता है।

 

वैज्ञानिक लक्षण

  1. बसल बॉडी टेम्परेचर में वृद्धि: ओवुलेशन के दौरान, शरीर का बेसलाइन टेम्परेचर बढ़ सकता है। रोजाना सुबह अपना टेम्परेचर मापकर इसे नोट करने से ओवुलेशन की जानकारी मिल सकती है।
  2. ल्यूटिनाइज़िंग हार्मोन (LH) की वृद्धि: ओवुलेशन से पहले, एल्यूटेनाइज़िंग हार्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है। ओवुलेशन परीक्षण किट्स इस हार्मोन की मात्रा को जांचकर ओवुलेशन की सूचना देते हैं।

 

ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है (Duration of Ovulation in Hindi)

ओवुलेशन आमतौर पर 12 से 24 घंटे तक रहता है। इस अवधि के दौरान, अंडाणु अंडशय से बाहर निकलते हैं और नलिकाओं के माध्यम से यात्रा करते हैं। अगर इस अवधि के दौरान शुक्राणु से मिलना होता है, तो गर्भधारण हो सकता है।

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ओव्यूलेशन चार्ट (Chart of Ovulation in Hindi)

ओवुलेशन चार्ट एक साधारभूत उपकरण है जो महिलाओं को उनके ओवुलेशन पीरियड का पता लगाने में मदद करता है। इस चार्ट का उपयोग करके, आप अपने मासिक चक्र के आधार पर ओवुलेशन की संभावित तिथि का पता लगा सकते हैं। आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. मासिक चक्र की अवधि नोट करें: अपने मासिक चक्र की अवधि को नोट करें, जो पहले दिन (पीरियड शुरू होने के दिन) से अगले मासिक धर्म के पहले दिन तक होती है।
  2. औसत मासिक चक्र की गणना करें: अपने पिछले 3 मासिक चक्र की अवधि का औसत निकालें।
  3. लूटिनाइज़िंग डे की गणना करें: अवधि के आधार पर, ओवुलेशन के लिए सबसे संभावित दिन की गणना करें। आम तौर पर, यह औसत मासिक चक्र की अवधि के आधे समय पर होता है।
  4. चार्ट बनाएं: ओवुलेशन चार्ट के साथ एक कैलेंडर बनाएं, जिसमें आप अपने मासिक चक्र, ओवुलेशन दिन, और फर्टाइल विंडो की जानकारी नोट कर सकते हैं।

इस तरह के ओवुलेशन चार्ट की सहायता से आप अपने फर्टाइल विंडो का पता लगा सकते हैं, जो गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि ओवुलेशन चार्ट 100% सटीक नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे अच्छी तरह से निर्देशित करने के लिए एक उपयोगी साधारण गाइड प्रदान करते हैं।

ओवुलेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो महिलाओं के गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित करती है। ओवुलेशन के लक्षण, अवधि, और चार्ट के बारे में जानकारी रखना महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। शारीरिक लक्षणों के साथ-साथ वैज्ञानिक लक्षण भी मदद कर सकते हैं। ओवुलेशन चार्ट एक उपयोगी उपकरण हो सकते हैं जो आपको ओवुलेशन की संभावित तिथि का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

इस लेख की मदद से, आपको ओवुलेशन की प्रक्रिया के बारे में बेहतर समझ मिलेगी और यह भी जानने में मदद करेगा कि किस प्रकार आप अपने फर्टाइल विंडो की जानकारी प्राप्त कर सकते है

 

ओवुलेशन कैलकुलेटर क्या है?

ओवुलेशन कैलकुलेटर एक उपकरण है जो महिलाओं को उनके ओवुलेशन पीरियड की संभावित तिथि का पता लगाने में मदद करता है। इसका उपयोग करके, आप अपने मासिक चक्र के आधार पर ओवुलेशन की संभावित तिथि का पता लगा सकते हैं। इसे समझने के लिए चलिए विस्तार से जानते हैं।

 

ओवुलेशन कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें?

  1. अपने मासिक चक्र की अवधि नोट करें: अपने मासिक चक्र की अवधि को नोट करें, जो पहले दिन (पीरियड शुरू होने के दिन) से अगले मासिक धर्म के पहले दिन तक होती है।
  2. औसत मासिक चक्र की गणना करें: अपने पिछले 3 मासिक चक्र की अवधि का औसत निकालें।
  3. लूटिनाइज़िंग डे की गणना करें: अवधि के आधार पर, ओवुलेशन के लिए सबसे संभावित दिन की गणना करें। आम तौर पर, यह औसत मासिक चक्र की अवधि के आधे समय पर होता है।
  4. चार्ट बनाएं: ओवुलेशन कैलकुलेटर के साथ एक कैलेंडर बनाएं, जिसमें आप अपने मासिक चक्र, ओवुलेशन दिन, और फर्टाइल विंडो की जानकारी नोट कर सकते हैं।

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ओवुलेशन पीरियड के कितने दिन बाद होता है (After How Many Days Periods starts After Ovulation In Hindi)

ओवुलेशन के बाद मासिक धर्म का समय

ओवुलेशन के बाद, अगला मासिक धर्म का समय आता है। आमतौर पर, ओवुलेशन के 14 दिन बाद मासिक धर्म शुरू होता है। यह समय व्यक्ति के अनुसार भिन्न हो सकता है, और कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि स्वास्थ्य, हार्मोन्स, और लाइफस्टाइल।

ओवुलेशन के बाद मासिक धर्म के विलंब के कारण

ओवुलेशन के बाद मासिक धर्म में विलंब हो सकता है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। कुछ आम कारणों को समझते हैं:

  1. स्ट्रेस: मानसिक या शारीरिक स्ट्रेस ओवुलेशन और मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप, ओवुलेशन की तिथि और मासिक धर्म की शुरुआत में विलंब हो सकता है।
  2. हार्मोनल असंतुलन: विभिन्न ह ोर्मोन्स के असंतुलन ओवुलेशन और मासिक धर्म के समयावधि को बदल सकते हैं। विभिन्न हार्मोन्स, जैसे कि एस्ट्रोजन, प्रोगेस्टेरोन, और ल्यूटेइनिज़िंग हार्मोन, गर्भाशय की कार्यक्षमता और मासिक चक्र पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
  3. वजन की कमी या वृद्धि: अति कम या अधिक वजन के कारण भी मासिक धर्म के समयावधि में विलंब हो सकता है। वजन में अचानक बदलाव शरीर के हार्मोन्स पर प्रभाव डाल सकता है, जो ओवुलेशन और मासिक चक्र को प्रभावित करता है।
  4. बीमारी या दवा: किसी बीमारी या दवा के कारण भी मासिक धर्म की शुरुआत में विलंब हो सकता है। शरीर के आंतरिक प्रक्रमों पर बीमारी या दवा का प्रभाव पड़ सकता है, जो ओवुलेशन और मासिक धर्म के समयावधि को बदल सकता है।

 

क्या आपको चिंता करनी चाहिए?

ओवुलेशन के बाद मासिक धर्म की शुरुआत में थोड़ी सी देरी होना सामान्य है। हालांकि, यदि विलंब लगातार होता है या अत्यधिक है, तो आप को अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। वे आपकी समस्या का कारण और संभव उपचार ढूंढने में मदद कर सकते हैं।

अगले कदम

ओवुलेशन के बाद मासिक धर्म की शुरुआत में विलंब होने के कारण और समाधान जानने के बाद, आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  • व्यायाम और आहार: नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार लें। यह शरीर के हार्मोन्स को संतुलित रखने में मदद करेगा।
  • स्ट्रेस कम करें: ध्यान, योग, और अच्छी नींद लेकर स्ट्रेस को कम करें। इससे ओवुलेशन और मासिक धर्म की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
  • चिकित्सक से परामर्श करें: यदि आपको लगता है कि आपकी समस्या गंभीर है, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें। वे आपकी मदद कर सकते हैं।

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ओवुलेशन की जाँच (Tests for Ovulation in Hindi)

ओवुलेशन किट

ओवुलेशन किट, जिसे ओवुलेशन प्रदर्शन किट (OPK) भी कहा जाता है, महिलाओं के लिए एक आम उपकरण है जो उन्हें अपने ओवुलेशन पीरियड के बारे में बताने में मदद करता है। यह किट ल्यूटनाइज़िंग हार्मोन (LH) के बढ़ने को पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाती है, जो ओवुलेशन की निशानी होती है।

बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) मॉनिटरिंग

बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) मॉनिटरिंग ओवुलेशन की जांच का एक और तरीका है। इस विधि में, महिला को रोज सुबह अपनी बॉडी के न्यूनतम तापमान को रिकॉर्ड करना होता है। ओवुलेशन के दौरान, BBT में एक छोटी सी वृद्धि होती है।

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ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण (Pregnancy Symptoms After Ovulation)

ओवुलेशन के बाद गर्भावस्था के लक्षण सामान्य लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं। निम्नलिखित लक्षण आपको ओवुललेशन के बाद गर्भावस्था की संभावना के बारे में बता सकते हैं:

  1. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग: इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग ओवुलेशन के 7-10 दिन बाद होती है। यह एक आम गर्भावस्था का लक्षण हो सकता है।
  2. स्तनों में सूजन और संवेदनशीलता: गर्भावस्था के दौरान, स्तनों में सूजन और संवेदनशीलता हो सकती है, जो ओवुलेशन के बाद गर्भावस्था का संकेत हो सकता है।
  3. थकान: ओवुलेशन के बाद गर्भावस्था के दौरान, थकान एक सामान्य लक्षण हो सकता है। यह शुरूआती गर्भावस्था के कुछ दिनों में हो सकता है।

ओवुलेशन के बाद क्या खाना चाहिए (What to Eat After Ovulation in Hindi)

ओवुलेशन के बाद, आपको संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपको गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

  1. फल और सब्जियाँ: फल और सब्जियाँ में विटामिन, मिनरल, और फाइबर होते हैं, जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह गभावस्था की संभावना को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। आपको अपने आहार में विविध रंगों के फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
  2. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: ओवुलेशन के बाद, आपको प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि डाल, दूध, दही, अंडे, और लीन मांस जैसे कि चिकन और मछली खाना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर को आवश्यक न्यूट्रिएंट प्रदान करते हैं और गर्भावस्था के लिए एक स्वस्थ आहार में मदद करते हैं।
  3. विटामिन और मिनरल्स: ओवुलेशन के बाद, आपको विटामिन और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है। फोलिक एसिड, विटामिन B12, आयरन, जिंक, और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  4. पानी और दूसरे तरल पदार्थ: पानी और दूसरे तरल पदार्थ जैसे कि नींबू पानी, नारियल पानी, और लस्सी आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं।

 

ओवुलेशन के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (Care After Ovulation in Hindi)

  • आहार में संतुलन बनाएँ रखें: ओवुलेशन के बाद, संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। अच्छी सेहत के लिए, विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।
  • पर्याप्त नींद लें: ओवुलेशन के बाद, पर्याप्त नींद लेना शरीर के लिए अच्छा होता है। नींद की कमी से हार्मोन्स का स्तर असंतुलित हो सकता है और इससे गर्भावस्था की संभावना कम हो सकती है।
  • स्वस्थ वजन बनाएँ रखें: ओवुलेशन के बाद, स्वस्थ वजन को बनाएँ रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। वजन में अधिक बढ़ोतरी या कमी गर्भावस्था की संभावना को प्रभावित कर सकती है।

 

ओवुलेशन के बाद क्या नहीं करना चाहिए (Prevention After Ovulation in Hindi)

  • धूम्रपान और शराब सेवन से बचें: धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ये दोनों गर्भावस्था की संभावना को कम कर सकते हैं और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  • कैफ़ीन की मात्रा को कम करें: ओवुलेशन के बाद, कैफ़ीन की मात्रा को कम करना चाहिए। अधिक मात्रा में कैफ़ीन का सेवन गर्भावस्था की संभावना को प्रभावित कर सकता है।
  • अत्यधिक व्यायाम से बचें: ओवुलेशन के बाद, अत्यधिक व्यायाम से बचना चाहिए। हालांकि नियमित व्यायाम स्वस्थ होता है, लेकिन अत्यधिक व्यायाम गर्भावस्था की संभावना को कम कर सकता है।

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ओवुलेशन में कमर दर्द (Back Pain During Ovulation in Hindi)

ओवुलेशन के दौरान कमर दर्द होना आम बात है। इसके कारण मिट्टी के अंदर ओवरी के द्वारा अंडे के निकलने के समय होने वाली सूजन हो सकती है। इसके अलावा, हार्मोन्स के अचानक उतार-चढ़ाव भी कमर दर्द का कारण हो सकते हैं।

निष्कर्ष

महिलाओं के मासिक चक्र का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है। ओवुलेशन के बारे में सही जानकारी होना और इसके दौरान की देखभाल, बचाव, और लक्षणों को समझना महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि आपको अपनी शारीरिक स्वास्थ्य और समर्थन की बेहतर जानकारी भी प्रदान करता है।

इस विषय पर अधिक अध्ययन करके, आप गर्भावस्था की योजना और स्वस्थ जीवन शैली के लिए बेहतर निर्णय ले सकते हैं। यह आपके आत्म-विश्वास और संतुष्टि को बढ़ाता है, और आपको अपनी भावनाओं और शारीरिक अवस्था के साथ अच्छी तरह से संबंधित करता है। इसलिए, ओवुलेशन के बारे में सही जानकारी और समझ महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है।

F.A.Q

Q: ओवुलेशन मतलब क्या होता है?

A: ओवुलेशन एक महिला के गर्भाशय में अंडाशय के मॉड्यूलस से एक अंडा उत्पन्न होता है जो फॉलोपियन ट्यूब में जाता है। अंडा वहाँ यौन संबंध बनाने के लिए मिलता है और यदि वहाँ एक शुक्राणु से इसका मिलाप होता है तो गर्भावस्था शुरू होती है।

Q: कैसे पता लगाये की ओवुलेशन हो रहा है?

A: ओवुलेशन के समय गर्भाशय दरवाज़ा कुछ देर के लिए खुल जाता है, जिससे थोड़ी बहुत खून या श्लैष्मिक पदार्थ योनि से निकल सकते हैं। कुछ महिलाओं में दर्द और तनाव होता है जो ओवुलेशन की वजह से होता है। ओवुलेशन को जांचने के लिए, ओवुलेशन प्रारंभ होने से 12 से 24 घंटे पहले तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होती है। ओवुलेशन टेस्ट भी एक विकल्प हो सकता है।

Q: ओवुलेशन पीरियड के कितने दिन बाद होता है?

A: ओवुलेशन की तिथि मासिक धर्म चक्र की चौथी से चाहिए जिसे लगभग 14 दिन का माना जाता है।

Q: ओवुलेशन और पीरियड में क्या अंतर है?

A: पीरियड में गर्भावस्था नहीं होती है जबकि ओवुलेशन गर्भावस्था के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। पीरियड मासिक धर्म चक्र के आरंभिक दिनों में होता है जबकि ओवुलेशन चक्र के मध्य दिनों में होता है।

Q: लड़कियां कब ओव्यूलेट करती हैं?

A: एक सामान्य मासिक धर्म चक्र के अनुसार, ओवुलेशन के दिन आमतौर पर मासिक धर्म के 14वें दिन होते हैं। हालांकि, यह समय महिला के शरीर के अनुसार भिन्न हो सकता है।

Q: कितनी बार करने से प्रेग्नेंट हो जाती है?

A: गर्भधारण के लिए एक स्पर्म एक एग्ग के साथ मिलने की आवश्यकता होती है। इसलिए, एक बार यौन संबंध बनाने से भी महिला गर्भवती हो सकती है। हालांकि, गर्भधारण के अधिक अवसर के लिए, यौन संबंध बनाने का समय महिला के ओवुलेशन से पहले का होना चाहिए।

Q: पीरियड खत्म होने के बाद कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?

A: एक स्वस्थ महिला के लिए, संबंध बनाने का सबसे अच्छा समय उसके ओवुलेशन के दिनों में होता है। पीरियड के बाद कुछ दिनों तक भी संबंध बनाया जा सकता है, लेकिन यह बहुत निर्भर करता है कि महिला के ओवुलेशन की तिथि क्या है।

Q: प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस कब होते हैं?

A: महिला के ओवुलेशन के दिनों में गर्भधारण करने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसलिए, पीरियड के दूसरे सप्ताह से तीसरे सप्ताह के बीच के समय जब महिला अपने ओवुलेशन के करीब होती है, गर्भधारण करने के सबसे ज्यादा चांस होते हैं।

Q: कैसे पता लगाये की ओवुलेशन हो रहा है?

A: ओवुलेशन के समय गर्भाशय दरवाज़ा कुछ देर के लिए खुल जाता है, जिससे थोड़ी बहुत खून या श्लैष्मिक पदार्थ योनि से निकल सकते हैं। कुछ महिलाओं में दर्द और तनाव होता है जो ओवुलेशन की वजह से होता है। ओवुलेशन को जांचने के लिए, ओवुलेशन प्रारंभ होने से 12 से 24 घंटे पहले तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होती है। ओवुलेशन टेस्ट भी एक विकल्प हो सकता है।

Q: कैसे पता चलेगा कि ओवुलेशन हुआ है?

A: ओवुलेशन के बाद अंडा फॉलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक जाता है जिससे एक महिला गर्भवती हो सकती है। यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो गर्भवती न होने के बाद ब्लीडिंग हो सकती है जो पीरियड के ब्लीडिंग से थोड़ा भिन्न हो सकता है।

Q: ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है?

A: एक बार ओवुलेशन होने के बाद एक अंडा केवल 12 से 24 घंटे तक अंडशाला में बना रहता है। इसके बाद यदि वह बिना गर्भधारण के निकल जाता है, तो मासिक धर्म चक्र के अगले महीने के दौरान एक नया ओवुलेशन हो सकता है।

Q: पीरियड के कितने दिन बाद अंडा बनना शुरू होता है?

A: मासिक धर्म चक्र के पहले दिन से गिनते गए दूसरे दिन से अंडा बनना शुरू होता है।

Q: ओव्यूलेशन दर्द के कितने समय बाद अंडा निकलता है?

A: ओवुलेशन दर्द आमतौर पर ओवुलेशन से कुछ घंटे पहले या कुछ दिन पहले होता है। अंडा ओवुलेशन के कुछ घंटे या दिनों के भीतर निकलता है।

Q: ओवुलेशन के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?

A: एक अंडा ओवुलेशन के कुछ घंटे या दिनों के भीतर गर्भधारण के लिए उपलब्ध होता है। लेकिन वह इस बात पर निर्भर करता है कि वह उत्तरदायी शुक्राणु के साथ कब मिलता है।

Q: ओव्यूलेशन कितने दिन तक रहता है?

A: एक बार ओवुलेशन होने के बाद अंडशाला के अंदर बने हुए अंडे का जीवित रहने का समय कुछ घंटे से कुछ दिन तक होता है। इस समय के दौरान अंडा यदि गर्भाशय में उत्तरदायी शुक्राणु से मिलता है, तो गर्भधारण हो सकता है। यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो अंडा शरीर से निकलता है और अगली मासिक धर्म चक्र के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है।

 

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    Dr Mona Dahiya

    Dr Mona Dahiya

    IVF Specialist & Consultant

    Dr Mona Dahiya has performed over 10,000+ IVF cycles and is considered a global expert in IVF, ICSI, IUI and male fertility treatment. She is an eminent writer on Infertility Treatment and has over 100 Publications in both International and National Journals. Dr Mona Dahiya has immensely contributed to the field of infertility through her Research and articles.

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