PCOS in Hindi (पीसीओएस क्या होता है)?
पीसीओएस (PCOS) एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिलाओं के अंदर अनियमित मासिक धर्म, बढ़ती हुई अंडाशय की संख्या और अंडाशयों में होने वाली हॉर्मोन विक्रियाएं होती हैं। इससे महिलाओं के शरीर में अनेक तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि मांसपेशियों में दर्द, महिलाओं के बालों में झड़ना, वजन बढ़ना आदि।
पीसीओएस के मुख्य कारणों में से एक है हॉर्मोन असंतुलन। इसमें अंड्रोजन (मर्दाना हॉर्मोन) की मात्रा महिलाओं के शरीर में बढ़ जाती है जो कि अंडाशयों के अंदर मिलती है। ये हॉर्मोन महिलाओं के शरीर में पुरुषों जैसे लिंग बाल, डेप धारण करते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में भी परिवर्तन लाते हैं। अतः, इससे महिलाओं के शरीर में अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
PCOS Ke Lakshan in Hindi (PCOS Symptoms in Hindi):
पीसीओएस के लक्षण महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को इससे कोई संकेत नहीं हता जबकि दूसरी महिलाएं इससे बहुत पीड़ित होती हैं। यहां कुछ प्रमुख पीसीओएस के लक्षण बताए गए हैं।
1. अनियमित मासिक धर्म
पीसीओएस का सबसे सामान्य लक्षण है अनियमित मासिक धर्म। कुछ महिलाओं को इससे कोई संकेत नहीं होता है जबकि दूसरी महिलाएं मासिक धर्म के लिए अस्थायी उपाय लेने के लिए मजबूर होती हैं।
2. बढ़ती हुई अंडाशयों की संख्या
पीसीओएस में अंडाशयों की संख्या बढ़ जाती है। यह इस बात का संकेत होता है कि एक महिला के अंडाशयों में एक से अधिक अंडे बनते हैं।
3. बालों में झड़ना
पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में अंद्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर पुरुषों जैसे बाल उगने लगते हैं। इससे महिलाओं के सिर के ऊपर बाल बढ़ने लगते हैं और इन बालों की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है।
4. वजन बढ़ना
पीसीओएस में महिलाओं का वजन बढ़ता है जो कि आमत है। यह बढ़ता हुआ वजन अक्सर पेट के आसपास जमा होता है जो कि महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनता है।
5. अधिक मात्रा में अंद्रोजन
पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में अधिक मात्रा में अंद्रोजन बनता है। इससे उन्हें मुख्य रूप से जबरदस्त भूख लगती है जिससे वे अतिरिक्त खाने की इच्छा रखती हैं।
6. तनाव
पीसीओएस में तनाव की समस्या भी उत्पन्न होती है। महिलाएं इस समस्या के कारण अक्सर चिंतित रहती हैं और अतिरिक्त तनाव का सामना करती हैं।
7. त्वचा में दाग या फुंसियां
पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में अधिक मात्रा में अंद्रोजन बनता है जो त्वचा में दाग या फुंसियां उत्पन्न करता है। यह समस्या अक्सर चेहरे, गले और जंघों पर दिखाई देती है।
पीसीओएस के कारण (PCOS Causes in Hindi):
पीसीओएस के कारण विभिन्न होते हैं। यह समस्या महिलाओं में अंडाशय में होने वाले अंद्रोजन के स्तर में वृद्धि के कारण होती है। इससे अंडाशय में अनेक शुक्राणु उत्पन्न होते हैं जो अंडाशय में गुच्छे बनाते हैं और अंततः पोलिस्टिक अंडाशय रोग (PCOS) होता है।
कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1.अंद्रोजन स्तर में वृद्धि
अंड्रोजन हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह पुरुषों में अधिक होता है। अंड्रोजन के स्तर में वृद्धि से अंडाशय में अनेक शुक्राणु उत्पन्न होते हैं जो अंडाशय में गुच्छे बनाते हैं और पोलिस्टिक अंडाशय रोग (PCOS) होता है।
2.वजन
वजन बढ़ने से भी पीसीओएस की समस्या होती है। अत्यधिक वजन के कारण शरीर में ज्यादा इंसुलिन उत्पन्न होता है, जो अंडाशय में अंद्रोजन के निर्माण को बढ़ाता है और पीसीओएस का कारण बनता है।
3.आनुवंशिक
पीसीओएस का आनुवंशिक कारण भी होता है। अगर किसी महिला के परिवार में भी पीसीओएस की समस्या होती है तो उसे भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
4.अन्य कारण
अन्य कारण जैसे आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान या शराब पीना, समय पर नींद ना मिलना आदि भी पीसीओएस की समस्या को बढ़ाते हैं।
पीसीओएस का उपचार (PCOS Treatment in Hindi):
पीसीओएस का उपचार उसकी वजह और लक्षणों के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
1.लाइफस्टाइल बदलाव
पीसीओएस के उपचार में सबसे महत्वपूर्ण रूप से लाइफस्टाइल बदलाव शामिल होता है। सही आहार और व्यायाम से यह समस्या संभव है कि सही हो सकती है।
2. दवाइयां
डॉक्टर अक्सर एक या दो दवाइयां देते हैं जो अंद्रोजन स्तर को नियंत्रित करती हैं। ये दवाएं मासिक धर्म को समय पर शुरू करने में भी मदद करती हैं।
3.अन्य उपचार
कुछ मामलों में, डॉक्टर संगत उपचारों की सलाह देते हैं। इसमें शामिल हो सकते हैं:
ओवुलेशन को शुरू करने वाली दवाएं
- हार्मोन थेरेपी
- सुपरविजिलेंस
- चिकित्सा
पीसीओएस के उपचार में अल्पविराम नहीं होना चाहिए। डॉक्टर द्वारा निर्धारित उपचार का समय-सीमा अपनाएं और वे दिए गए दवाओं के निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
4.ऑवराइड किस्त सिर्जरी:
यदि दवाओं और अन्य उपचारों से समस्या का हल नहीं मिलता है तो ऑवराइड किस्त सिर्जरी का विकल्प भी होता है। इस सुर्जरी में, ऑवरी में किस्तों को निकाल दिया जाता है।
सावधानियां:
पीसीओएस के उपचार में धैर्य रखें। लाइफस्टाइल बदलावों को शुरू करने में कुछ समय लग सकता है। अगर आप दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो वे निर्देशों के अनुसार ही लें। समस्या से निजात पाने के लिए लंबे समय तक उपचार करना होगा।
यदि आपके दिमाग में पीसीओएस की संभावित समस्या होने की शक हो तो आपको एक डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। उन्हें आपकी समस्या के बारे में सब कुछ बताएं और उन्हें आपके स्वास्थ्य के लिए संभवतः होने वाली खतरों के बारे में भी बताएं।
अंत में, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि पीसीओएस के लक्षणों के साथ जीवन जीना मुश्किल हो सकता है। लेकिन समय पर इससे बचने और सही उपचार करने से आप इस समस्या को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर सकते हैं और आपकी जीवनशैली में सुधार ला सकते हैं।
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पीसीओएस से जोखिम (PCOS Treatment Risk in Hindi):
- त्वचा के लिए जोखिम
PCOS उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में से कुछ आपके चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों पर असर डाल सकती हैं और आपके चेहरे पर मस्सों, उच्च सूजन और खुजली के लिए जिम्मेदार ह
- गर्भाधान के लिए जोखिम
PCOS उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में से कुछ आपकी गर्भाधान क्षमता पर असर डाल सकती हैं। इसलिए, यदि आप गर्भावस्था की योजना बना रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना अति आवश्यक है।
- रक्त थक्का बढ़ने का जोखिम
PCOS उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाओं से आपके रक्त थक्का के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे आपकी रक्त थक्का प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है जो आपको खून के थक्के बढ़ाने वाली बीमारियों के लिए अधिक विकसित होने के खतरे से दूर रखती है।
- शरीर के अन्य हिस्सों के लिए जोखिम
PCOS उपचार के दौरान कुछ लोगों को दवाओं के उपयोग से अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे शरीर में दर्द, अस्थमा, मुँह के छाले, या बार-बार बुखार आदि।
अगर आप PCOS से पीड़ित हैं और उपचार की योजना बना रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से चर्चा करें कि वह कौन सी दवाओं और उपचार के लिए सही है और आपके लिए सुरक्षित हैं। वह आपको बेहतर सलाह देगा जो आपकी स्थिति के अनुसार अनुकूल होगी।
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पीसीओएस का निदान कैसे किया जाता है (How to Diagnose PCOS in Hindi)?
पीसीओएस का निदान अपनी लक्षणों के आधार पर किया जाता है। इसके लक्षण विभिन्न होते हैं, जो आमतौर पर अनियमित मासिक धर्म, एक्ने, वजन बढ़ना और अत्यधिक बाल विकास शामिल होते हैं। इन लक्षणों के आधार पर, एक डॉक्टर आमतौर पर एक फिजिकल एग्जाम और मेडिकल इतिहास का आकलन करेगा।
पीसीओएस के लिए आमतौर पर निम्नलिखित टेस्ट होते हैं।
- मासिक धर्म चक्र का अध्ययन
- उल्ट्रासाउंड टेस्ट
- ल्यूटेनाइजिंग हार्मोन लेवल का टेस्ट
- अंड्रोजन लेवल का टेस्ट
यदि आपके लक्षणों के आधार पर पीसीओएस के संभावित लक्षण होते हैं, तो आपको ऊपर दिए गए टेस्टों को कराना चाहिए। इन टेस्टों से आपके डॉक्टर को आपकी रचनात्मक अंगों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
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पीसीओएस डाइट चार्ट (PCOS Diet Chart in Hindi):
पीसीओएस रोगियों के लिए आहार बहुत महत्वपूर्ण है। वे अपने आहार में सुदृढ़ आयोडीन, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन D और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, पीसीओएस रोगियों को निम्नलिखित आहार सामग्री से दूर रहना चाहिए।
- शक्कर और मिठाई
- सफेद आटे वाले उत्पाद
- प्रोसेस्ड फूड
- तले हुए और अधिक मसालेदार भोजन
- कॉफ़ी और काफीन वाले उत्पाद
- अल्कोहल
पीसीओएस रोगियों को दूध, पनीर, दही, अंडे, मछली और नट्स जैसे ऊर्जा से भरपूर आहार सामग्री खानी चाहिए। सुबह के नाश्ते में अंडे, ओटमील या ब्राउन ब्रेड खाने से फायदा होता है। फल और सब्जी में काले अंगूर, ब्रोकली, गाजर, स्पिनेच, टमाटर, मेथी और बैंगन जैसी आहार सामग्री होनी चाहिए।
अन्त में, पीसीओएस रोगियों को अपने आहार में समय-समय पर खाने की आदत बनानी चाहिए और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करना भी पीसीओएस रोगियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वे कम से कम 30 मिनट अंतराल में उच्च अंशकालिक व्यायाम जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना, वजन उठाना और योग करना चाहिए।
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FAQ:
Q: PCOS का पहला संकेत क्या हैं?
A: PCOS का पहला संकेत है अनियमित मासिक धर्म या अधिक मासिक धर्म की समस्या।
Q: क्या पीसीओएस का इलाज संभव है?
A: हाँ, पीसीओएस का इलाज संभव है। यह दवाओं, अधिकतम वजन घटाने और जीवनशैली परिवर्तनों के माध्यम से किया जा सकता है।
Q: अगर मुझे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है तो क्या मैं गर्भवती हो सकती हूँ?
A: हाँ, आप पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने के बावजूद गर्भवती हो सकती हैं। लेकिन इससे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
Q: पीसीओएस होने से क्या होता है?
A: पीसीओएस होने से अनियमित मासिक धर्म, अधिक मासिक धर्म, गर्भाधान की समस्याएं, अतिरिक्त वजन, हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
Q: PCOS दर्द कहाँ स्थित है?
A: PCOS का दर्द आमतौर पर पेट के निचले भाग में होता है।
Q: पीसीओएस का पता कैसे लगाया जा सकता है?
A: पीसीओएस का पता लगाने के लिए डॉक्टर द्वारा सामान्य रूप से मासिक धर्म, शरीर के तापमान, वजन और रक्त शर्करा स्तर का टेस्ट किया जाता है।
Q: पीसीओएस क्या है और लक्षण क्या हैं?
A: पीसीओएस एक स्तन उत्पादक ग्रंथि की समस्या है जिसमें महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म, अधिक मासिक धर्म, गर्भाधान की समस्याएं, अतिरिक्त वजन और शरीर के अन्य भागों में बाल विकास होता है।
Q: क्या पीसीओएस से वजन बढ़ता है?
A: हाँ, पीसीओएस से वजन बढ़ता है।
Q: पीसीओएस का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट करना चाहिए?
A: पीसीओएस का पता लगाने के लिए डॉक्टर सामान्य रूप से मासिक धर्म, शरीर के तापमान, वजन और रक्त शर्करा स्तर का टेस्ट करते हैं।
Q: क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
A: हाँ, पीसीओडी में भी प्रेग्नेंट हो सकते हैं, लेकिन यह मुश्किल हो सकता है। अधिकतम महिलाओं के लिए गर्भाधान की समस्याएं होती हैं जो पीसीओएस से प्रभावित होती हैं। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए जो उन्हें गर्भाधान करने में मदद कर सकते हैं।
Q: पीसीओएस से पीरियड के दर्द में क्या मदद करता है?
A: पीसीओएस से पीरियड के दर्द को कम करने के लिए दर्दनाशक दवाइयों का सेवन किया जा सकता है।
Q: क्या पीसीओएस में दूध पीना चाहिए?
A: हां, पीसीओएस में दूध पीना फायदेमंद होता है क्योंकि दूध में कैल्शियम होता है जो हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक होता है।
Q: पीसीओ में क्या नहीं खाना चाहिए?
A: पीसीओ में खाद्य पदार्थों में जितना संभव हो सकता है शक्कर और बेकिंग पाउडर का उपयोग कम करना चाहिए। इसके अलावा, तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।
Q: क्या होता है जब महिला को Pcos हो?
A: पीसीओएस के लक्षणों में मासिक धर्म के अनियमित होने, गर्भाशय में अनुपस्थिति, बालों के अत्यधिक विकास, चर्बी का अधिक जमाव और यौन डिज़्फंक्शन शामिल होते हैं।
Q: पीसीओएस का पता कैसे लगाया जा सकता है?
A: पीसीओएस का पता ब्लड टेस्ट, पेल्विक यूल्ट्रासाउंड और हार्मोन लेवल की जांच से लगाया जा सकता है। इसके अलावा, चिकित्सक को मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जाँच करने के लिए भी अधिकार होता है।
Q: PCOS दर्द कहाँ स्थित है?
A: PCOS के दर्द में कमर और पेट के निचले हिस्से में अस्थायी दर्द, बड़ी अंडाशय में दर्द या दबाव के कारण दर्द हो सकता है।
Q: क्या पीसीओएस से वजन बढ़ता है?
A: हाँ, पीसीओएस से वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है जो शरीर में फैट जमा करने में मदद करता है।
Q: क्या पीसीओएस में पीरियड्स में दर्द होता है?
A: हाँ, पीसीओएस में पीरियड्स में दर्द हो सकता है। यह अस्थायी दर्द हो सकता है जो अधिकतम समय तक रहता है।
Q: पीसीओएस कब विकसित होता है?
A: पीसीओएस महिलाओं में युवा उम्र में विकसित होता है। आमतौर पर, यह पहले 20 साल के दौरान होता है।
Q: पीसीओडी चेक करने के लिए कौन सा टेस्ट होता है?
A: पीसीओडी चेक करने के लिए, शुरूआत में चिकित्सक आपकी मेडिकल हिस्ट्री लेता है और फिर आपके प्रति शारीरिक जांच करता है। उन्हें आपको ब्लड टेस्ट या फिर पेल्विक यूल्ट्रासाउंड जैसी जांच कराने की सलाह दी जा सकती है।
Q: पीसीओएस भारत में आम क्यों है?
A: PCOS भारत में आम है क्योंकि इसमें संभवतः अधिक मात्रा में इन्सुलिन बनता है जो शरीर की संतुलित शक्ति को प्रभावित करता है। इसके अलावा विभिन्न कारणों से भी इस बीमारी का विकास हो सकता है जैसे खराब खानपान, अनियमित जीवनशैली, बहुत अधिक स्ट्रेस, आदि।
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